असीमा भट्ट
1.
रात सो रही है...
मैं जाग रही हूं...
गोया बे-ख्वाब मेरी आंखें
और मदहोश है जमाना...
2.
बहुत खाली-खाली है मन
माथे पर इक बिंदी सजा लूं...
3.
अचानक कहीं-कहीं से
बुलबुल बोल उठती है
दिल में भूली-बिसरी यादें हूक बनके उठती हैं...
4.
मैं सड़क पार कर रही हूं
और महसूस हो रहा है
कि तुमने मजबूती के साथ, कस के मेरा हाथ थाम रखा है...
5.
छोटी होती जा रही जिंदगी...
बड़ी तुम्हारी यादें
और उससे भी बड़ा
हमारे-तुम्हारे बीच का फासला...
18 टिप्पणियाँ:
हर क्षणिका बहुत गहरे भावों को व्यक्त कर रही है ...
छोटी होती जा रही जिंदगी...
बड़ी तुम्हारी यादें
और उससे भी बड़ा
हमारे-तुम्हारे बीच का फासला.
कटु लेकिन सत्य ..
मन की भाव लहरों का भावपूर्ण चित्रण मन को छू लेता है ...
हार्दिक शुभकामनायें !
यादें खाई पाटती भी हैं, बढ़ाती भी हैं।
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 28 - 06 - 2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
साप्ताहिक काव्य मंच-- 52 ..चर्चा मंच
sabhi kshanikaaayen sunder hain
मैं सड़क पार कर रही हूं
और महसूस हो रहा है
कि तुमने मजबूती के साथ, कस के मेरा हाथ थाम रखा है...
nice
छोटी होती जा रही जिंदगी...
बड़ी तुम्हारी यादें
और उससे भी बड़ा
हमारे-तुम्हारे बीच का फासला...
------kuch kah nahi paa raha hoon aseema .. amazing lines ..
vijay
छोटी होती जा रही जिंदगी...
बड़ी तुम्हारी यादें
और उससे भी बड़ा
हमारे-तुम्हारे बीच का फासला...
बहुत ही भावमय करते शब्द ।
छोटी होती जा रही जिंदगी...
बड़ी तुम्हारी यादें
और उससे भी बड़ा
हमारे-तुम्हारे बीच का फासला
कितना दर्द उतार दिया है ना इस मे…………वैसे सारी ही एक कहानी कह रही हैं।
सच में.. बहुत सुंदर
very nice....
बहुत सुन्दर क्षणिकाएं...बधाई कभी मेरे भी ब्लॉग पर आइए
sunder kshanik bhavon ko sunder shabdon me bandha hai aapne...
sunder kshanikaayen.
4.
मैं सड़क पार कर रही हूं
और महसूस हो रहा है
कि तुमने मजबूती के साथ, कस के मेरा हाथ थाम रखा है...
सभी क्षणिकाएं अच्छी...
अचानक कहीं-कहीं से
बुलबुल बोल उठती है
दिल में भूली-बिसरी यादें हूक बनके उठती हैं...
बहुत ही भाव विभोर करने वाली प्रस्तुति ..सभी क्षणिकाएं बहुत अच्छी ...
ek se behtar ek:)
बहुत खाली-खाली है मन
माथे पर इक बिंदी सजा लूं...
*
इन दो पंक्तियों में आपने जाने कितना कुछ कह दिया है।
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