असीमा भट्ट
1.
दुर्दिन में भी मासूम बच्चे खिलखिलाकर हंस रहे हैं
क्यारियों में अब भी खिल रहे हैं फूल
तितलियां अब भी नृत्य कर रही हैं
प्यार में धोखा खाई हुई प्रेमिकाएं
अब भी प्रेम कर रही हैं
चूम रही हैं अपने प्रेमी का माथा
कैसे कहें
वक्त बुरा है...
2.
मेरा मन
शून्य है
निराकार
जहां बजती है
तुम्हारी याद की घंटियां
रह रह कर
किसी प्राचीन, सुदूर मंदिरो की घंटियों की तरह
ब्रह्मांड रचने लगता है
इक नया संसार
इक नवजात शिशु किलकारियां लेता हुआ आ रहा है
मां के गर्भ से बाहर
रचने इस विश्व में
प्रेम का इक नया इतिहास...
3.
धीरे धीरे बोलो
हो सके तो मौन ही रहो
अभी शांत हुआ है
तलाब का ठहरा हुआ पानी...
4.
तुम एक
भटके हुए राही हो
और मैं इक राह
जिस पर से कोई गुजरा ही नहीं...
1.
दुर्दिन में भी मासूम बच्चे खिलखिलाकर हंस रहे हैं
क्यारियों में अब भी खिल रहे हैं फूल
तितलियां अब भी नृत्य कर रही हैं
प्यार में धोखा खाई हुई प्रेमिकाएं
अब भी प्रेम कर रही हैं
चूम रही हैं अपने प्रेमी का माथा
कैसे कहें
वक्त बुरा है...
2.
मेरा मन
शून्य है
निराकार
जहां बजती है
तुम्हारी याद की घंटियां
रह रह कर
किसी प्राचीन, सुदूर मंदिरो की घंटियों की तरह
ब्रह्मांड रचने लगता है
इक नया संसार
इक नवजात शिशु किलकारियां लेता हुआ आ रहा है
मां के गर्भ से बाहर
रचने इस विश्व में
प्रेम का इक नया इतिहास...
3.
धीरे धीरे बोलो
हो सके तो मौन ही रहो
अभी शांत हुआ है
तलाब का ठहरा हुआ पानी...
4.
तुम एक
भटके हुए राही हो
और मैं इक राह
जिस पर से कोई गुजरा ही नहीं...